देशभर में दिवाली के जश्न की तैयारियां की जा रही है। मध्य प्रदेश में भी दीपावली के उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। बाजारों मंे जमकर खरीददारी होने लगी है। यानि हर तरफ उत्सव का माहौल है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के 22 गांवों में इस बार दीपावली नहीं मनाई जाएगी, खास बात यह है कि यह निर्णय ग्रामीणों ने लिया है। इस दौरान दिवाली पर न तो किसी के घर दिए जलेंगे और न कोई मां लक्ष्मी का पूजन करेगा।
22 गांवों में नहीं मनाई जाएगी दिवाली
दरअसल, पूरा मामला बैतूल जिले के भीमपुर विकासखंड से जुड़ा हुआ है, बताया जा रहा है कि लंपी वायरस की मार झेल रहे क्षेत्र के करीब 22 गांव के लोगों ने इस बार दीपोत्सव यानि दीपावली पर्व नहीं मनाने का फैसला किया है, यानि इन 22 गांवों में दीपावली किसी भी घर में पूजा नहीं होगी। ऐसे में ग्रामीणों का यह फैसला जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 22 गांवों में दीपावली नहीं मनाए जाने के फैसले के पीछे भी एक बड़ी वजह निकलकर सामने आई है। गांव में लंपी वायरस के चलते गांव में आए दिन मवेशियों की मौत हो रही है। इस बात से नाराज ग्रामीणों ने भगत भूमकाओं की सलाह पर यह निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि जिले के आदिवासी बहुल विकासखंड भीमपुर की ग्राम पंचायत चूनालोमा के आसपास के 22 गांवों में ग्रामीण इस बार दिवाली नहीं मनाई जा रही है।
मवेशियों की होगी पूजा
यह निर्णय ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से लिया है, गांव की सरपंच कमलती पांसे ने बताया कि चूनालोमा के अधिकाश गांवों में लंपी वायरस फैला हुआ है, जिससे गांवों में अब तक कई मवेशियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अगर गोवंश ही समाप्त हो जाएगा तो खेती किसानी सब बर्बाद हो जावेगी। इसलिए इस साल गोवंश पर आई महामारी को देखते सभी आदिवासियों ने गांव के चौराहे पर सभी मवेशियों को एकत्र कर पूजा अर्चना करने का निर्णय लिया है।, ताकि मवेशियों को जल्द से जल्द इस बीमारी से निजात मिले। उन्होंने बताया कि लंपी संक्रमण रोकथाम के लिए मां शीतलारानी को प्रतिदिन जल चढ़ाया जा रहा है। लेकिन ग्रामीणों द्वारा दीपावली नहीं मनाए जाने का यह फैसला चर्चा में जरूर बना हुआ है।