राजनांदगांव: राजनांदगांव में आराध्य देवी मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ देश के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में शामिल हो गई हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत डोंगरगढ़ को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किए जाने और इसके सौन्दर्यीकरण के लिए 43 करोड़ 33 लाख रूपए की स्वीकृति दी है।
सांसद संतोष पांडेय ने इसे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगी और श्रद्धालुओं, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सांसद ने कहा कि मां बम्लेश्वरी के आशीर्वाद और लोगों के स्नेह से ही ये संभव हो सका है।
गौरतलब है कि, डोंगरगढ़ को महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड एवं सचिव पर्यटन विभाग सहित राजनांदगांव जिला प्रशासन द्वारा केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से लगातार पत्राचार किया जाता रहा है। आखिर में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डोंगरगढ़ को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किए जाने के लिए प्रसाद योजना में शामिल किए जाने की मंजूरी दे दी गई है।
इस परियोजना के तहत मां बम्लेश्वरी मंदिर की सीढ़ियों पर पर्यटन सुविधाएं पार्किंग तालाब सौंदर्यीकरण एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केंद्र विकसित किए जाएंगे साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के मुख्य आकर्षण का केंद्र श्री यंत्र की डिजाईन में विकसित किये जाने वाला श्रध्दालूओं के लिए सुविधा केंद्र होगा।
नवरात्रि में लगता है मेला
राजनांदगांव जिले में हावडा मुंबई रेलमार्ग पर डोंगरगढ़ के गंगन चुंबी पहाडी पर प्राकृतिक अनुपम सुंदरता को अपने में समेटे मां बम्लेश्वरी देवी विराजमान है। यहां पर प्रतिवर्ष क्वार और चैत नवरात्रि पर्व में मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर देश प्रदेश से लाखों श्रध्दालू यहां पहुचते हैं और मां का दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं। इसी तरह विदेशों सहित देश प्रदेश के भक्त यहां मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जविल कर मां से अपनी मनोकामना की पूर्ति करते है।