भोपाल: मोदी सरकार (Modi government) जब ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) पर कानून का मसौदा लाई तब इसका बड़ा विरोध हुआ, राजनीति भी खूब हुई। लेकिन अखिरकार पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस कानून को अमलीजामा पहना ही दिया।
इस कानून को लागू हुए एक साल से ज्यादा हो गया। लेकिन कानून आने के इस एक साल में भी देश में तीन तलाक के मामले बंद नहीं हुए। कानपुर की हिना परवीन हो या भोपाल की अलविना ऐसी कई ऐसी महिलाएं जो तीन तलाक का शिकार हो रही हैं। लेकिन इस कानून के आने से एक बड़ी उम्मीद भी जगी है। अलविना ने पीएम मोदी और उनकी सरकार को शुक्रिया कहा है और उन्होंने इस कानून के माध्यम से न्याय मिलने की पूरी आस जताई है।
भोपाल में तीन तलाक का पहला मामला
भोपाल में तीन तलाक मामले में यह संभवतः पहला केस दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार महिला का निकाह चार अक्टूबर 2001 को कोहेफिजा निवासी फैज आलम अंसारी से मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। उनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद वह पति के साथ सिंगापुर में रहने लगी थी। पति-पत्नी के पास सिंगापुर की नागरिकता है।