नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2019 में जयपुर जेल में तलाशी अभियान के दौरान दंगे और हमले की घटना की तथ्यात्मक जांच कराने का राजस्थान सरकार को शुक्रवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध दास की पीठ ने एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। एक लोक सेवक को उसकी ड्यूटी से रोकने के लिए उस पर हमला करना और दंगा करने से संबंधित इस मामले में आरोपी ने जमानत दिए जाने का अनुरोध किया है।
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि जयपुर में जेल अधिकारियों द्वारा की गयी तलाशी का विरोध करते हुए, उसने अन्य कैदियों के साथ 30 मार्च 2019 को जेल कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
याचिकाकर्ता ने लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि उसे जेल अधिकारियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया था और यह छह अप्रैल 2019 की मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ इस मामले के विचित्र तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करते हुए, खास कर यह तथ्य कि हिरासत में रहते हुए याचिकाकर्ता को 11 चोटें आई, हमें लगता है कि उसे जमानत देने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है।’
भाषा
अविनाश सुभाष
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