भोपाल। शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम पूरा करना नहीं वरन बच्चों का सर्वागीण विकास करना है। इसी विकास को विद्यालय का उद्देश्य बना कर भोपाल शहर में अपनी पहचान बनाने को आतुर, दी ओरिएंटल स्कूल ने अपना पहला वार्षिकोत्सव अभिरति 2022 कॉलेज के सभागार में मनाया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और क्वायर ग्रुप के बच्चों के स्वागत गीत के साथ हुई। ऑर्केस्ट्रा पर राग भूपाली को सुन कर अभिभावक एवं श्रोतागण अभिभूत हो गए। स्कूल की एनुअल रिपोर्ट इस बार पहली बार प्रिंसिपल के साथ प्री प्राइमरी के बच्चो ने भी प्रस्तुत की। ऐसा कर के दी ओरिएंटल स्कूल ने बता दिया की यदि मार्गदर्शन उचित हो तो नौनिहाल भी कमाल कर सकते हैं। चेयरमैन प्रवीण ठकराल ने विद्यालय के प्रथम वार्षिकोत्सव ने भाव विभोर हो कर स्कूल को स्थापित करने के अपने उद्देश्य को बताया और अभिभावकों का दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दी ओरिएंटल स्कूल पेरेंट्स को अपना पार्टनर मानता है और इसे आगे बढ़ने में उनकी सहभागिता ज़रूरी है।
प्री प्राइमरी के बच्चो ने भी दी प्रस्तुति
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बच्चों के रंगारंग प्रस्तुति से भरा डांस ड्रामा एसेन्स दी स्पिरिट ऑफ़ इंडिया था। कालपुरुष के माद्यम से शिक्षा और भारत के प्रति अविश्वास और दी ओरिएंटल स्कूल के बच्चो के द्वारा विश्वास और उल्हास से भरी प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। ऊर्जा से भरा हनुमान चालीसा का भव्य मंचन इस कार्यक्रम की जान थी। योगा की प्रस्तुति ने शांतता के दर्शन करवाए वही चुलबुली प्री प्राइमरी की प्रस्तुतियां प्रकृति के बारे में अनेक सीख दे कर गयी। पूरे शो को संगीत, चकाचौंध भरे नृत्यों, अधिनियमों और रंगों के रंगों के साथ बड़े उत्साह और जीवंतता के साथ असंख्य उत्सवों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था।
गुरुदेव टैगोर के नाटक शरदोत्सब का अंग्रेजी रूपांतरण ऑटम फेस्टिवल के रूप में किया गया। भारत के कश्मीर से लेकर सुदूर दक्षिण पूरब पश्चिम तक के संस्कृति और संस्कार को स्पिरिट ऑफ़ इंडिया में चिरमी, डोगरी, पंजाबी, गरबा, भरतनाट्यम, बुंदेली और कालबेलिआ नृत्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर विद्यालय के उन छात्रों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अंतर विद्यालय प्रतियोगिताओं में स्कूल का नाम रोशन किया। अपने भाषण में मुख्य अतिथि अरुणा मोहन राव ने कहा कि ये वार्षिकोत्सव स्कूल का रिपोर्ट कार्ड हैं। साल भर बच्चों ने जो सीखा जो शिक्षकों ने सिखाया इन बच्चों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उसे सुन्दर रूप दिया है। संस्था के बच्चों की प्रस्तुति इसका प्रमाण है कि बच्चे एक उत्तम जगह सीख रहे हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ ।