कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और दुनिया भर में इसे लेकर हाहाकार मचा हुआ है। अब इससे निजात पाने का एकमात्र उपाय वैक्सीन ही है, जिससे उम्मीद बनी हुई है। हालांकि दुनिया भर में वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं, जिसमें ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का अब आखिरी ट्रायल चल रहा है। लेकिन खबरों के मुताबिक ब्रिटेन कानून बदलाव की तैयारी में लगा हुआ है, जिससे कोरोना वैक्सीन की मंजूरी कम समय में मिल सके।
दरअसल, ब्रिटेन अब इस कोशिश में लगा हुआ है कि जब भी वैज्ञानिक वैक्सीन के कामयाब होने की पुष्टि करे उसके बाद से ही ये वैक्सीन लोगों को लगाई जा सके। जिससे की बढ़ते संक्रमण पर रोक लगा सकें। किसी वैक्सीन के सफल होने के बाद उसे लाइसेंस मिलने में आमतौर पर कई महीने का वक्त लगता है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि अगर वैक्सीन सिक्योरिटी टेस्ट में पास हो जाती है तो तुरंत अस्थाई मंजूरी दे दी जाएगी।
वैक्सीन को लेकर बोले डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर
वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन के डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर जोनाथन वैन टैम ने कहा कि अगर वैक्सीन को हम प्रभावी रुप से तैयार कर लेते हैं तो यह जरूरी होगा कि हम जल्द से जल्द इसे मरीजों के लिए उपलब्ध कराएं। हालांकि यह तभी संभव है जब हम कड़े सुरक्षा स्टैंडर्ड को पूरा कर पाएंगे।
कई देशों में चल रहा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
कई देशों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है। भारत में भी सीरम इस्टीट्यूट इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर चुकी है। इसके साथ ही ब्रिटेन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका में करीब 20 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है। वहीं, ऑक्सफोर्ड के साथ जुड़ी कंपनी एस्ट्राजेनका अमेरिका में 30 हजार लोगों पर ट्रायल का नेतृत्व कर रही है।a